‘असाधारण… स्पिरिचुअल एनाटमी योग-दर्शन के ज्ञान और आपकी अनंत सामर्थ्य को प्रकट करने वाली व्यावहारिक विधियों का मिश्रण है|’ – दीपक चोपड़ा
जब हम स्वास्थ्य के बारे में सोचते हैं तो प्राय: शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के बारे में ही सोचते हैं और अपने और मन को सींचते हुए जीवन में उनकी शांति, उद्देश्य और जुड़ाव की खोज में लगे रहते हैं| लेकिन हार्टफुलनेस संगठन और इस राजयोग परंपरा के चौथे आध्यात्मिक प्रमुख दाजी एक तीसरी प्रणाली ‘स्पिरिचुअल एनाटमी’ को प्रकाश में लाते हैं जिसकी हम प्राय: उपेक्षा कर देते हैं|
चेतना और आध्यात्मिक ऊर्जा के केंद्र – ‘चक्र’ जो हमारी स्पिरिचुअल एनाटमी को बनाते हैं एक मैप का कार्य करते हुए हमें वापस अपनी ओर, अपने हृदय की ओर और उस परम स्थायी सुख की ओर ले चलते हैं जिसकी हमें तड़प होती है| पढ़ते-पढ़ते पाठक गण जिसके बारे में जानेंगे वह है—
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चक्रों की भूमिका और उनका महत्व|
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चक्रों के अवरोध और उनकी सफाई|
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हमें अपने ह्रदय के केंद्र के निकट लाने वाली ध्यान की विधियाँ|
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चक्रों के साथ गहराई से जुड़े रहना और अपने हृदय, मन और आत्मा की सामर्थ्य को खुलकर प्रकट होने देना|
स्पिरिचुअल एनाटमी योग-दर्शन के अतीत के जितना मूल में जाती है उतना ही अधिक आधुनिकतम खोज को भी प्रकाश में लाती है| इसीलिए एक जिज्ञासु को, एक ध्यानकर्ता को और जो भी अपने जीवन में आनंद की खोज में है उसे यह पुस्तक अवश्य पढ़नी चाहिए|
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